सावधान! WhatsApp यूजर्स बने Hackers का शिकार, अब ऐसे लूट रहे पैसा, जानिए बचने का तरीका

 


अगर आप वॉट्सएप, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते हैं, तो आप खतरे में हैं. धोखेबाज नए तरीके से यूजर को चूना लगाते हैं. ऐसे धोखेबाजों के झांसे में न आने के लिए यूजर्स को कुछ बातें याद रखनी चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में...

अगर आप WhatsApp, ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप खतरे में हैं. सोशल मीडिया दोस्तों और परिवार से बातचीत कर सकते हैं. लेकिन इससे आप इससे धोखा भी खा सकते हैं. यह सीधे तरीके से अटैक नहीं करता है, यह यूजर्स को मजबूर करता है कि वह अपनी पर्सनल जानकारी दें और इससे वो यूजर्स से पैसे चुरा लेते हैं. सोशल मीडिया पर आमतौर पर एक संदेश प्राप्त होता है जो कुछ उपहार या लाभ का वादा करता है और उन्हें वहां कुछ लिंक पर क्लिक करने के लिए आमंत्रित करता है.


एक क्लिक से कंगाल हो जाते हैं यूजर्स

यूजर्स को इन लिंक्स पर क्लिक करके ही इन लाभों को प्राप्त करने का एकमात्र तरीका बताया जाता है. हालांकि, जैसे ही यूजर लिंक पर क्लिक करता है, कुछ एप या मैलवेयर यूजर्स के फोन या कंप्यूटर पर डाउनलोड हो जाएंगे. ये यूजर की जासूसी करने और घोटालेबाजों को जानकारी भेजने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. सभी गतिविधियों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है और यूजर की जानकारी के बिना सूचना भेजी जाती है.


फर्जी फॉर्म भराकर दिया जाता है धोखा

क्लिक करने के बाद यूज्स से कुछ फॉर्म भरने और यूजर नेम और पासवर्ड डालने को कहा जाता है. ये फॉर्म नकली होते हैं और ये आमतौर पर फर्जी वेबसाइटों पर पाए जाते हैं जिन्हें इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वे एक आधिकारिक बैंक या अन्य संस्थान के समान दिखते हैं. जैसा कि न्यूज रिपोर्ट्स से स्पष्ट है, जालसाजों द्वारा रची गई इन साजिशों के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को ठगा जाता है.


ऐसे धोखेबाजों के झांसे में न आने के लिए यूजर्स को कुछ बातें याद रखनी चाहिए, आइए जानते हैं इसके बारे में...



1. जब भी कोई बड़ा फायदा देने का वादा करे और पैसे मांगे तो समझ जाइए कि यह घोटाला है. याद रखें, कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता है और जो लोग इसका वादा करते हैं, वे शायद दूसरे लोगों को धोखा देना चाहते हैं. 


2. जब भी कोई आपसे यूजर नेम और पासवर्ड या अन्य संवेदनशील जानकारी मांगे, तो इसे एक घोटाला समझें क्योंकि कोई भी बैंक या अन्य वैध व्यवसाय आपसे ये गुप्त विवरण नहीं मांगेगा.

3. बैंकिंग डीटेल्स जो कभी भी किसी के साथ साझा नहीं किए जाते हैं उनमें क्रेडिट और डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी, पिन, इंटरनेट बैंकिंग यूजर आईडी, इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड शामिल हैं.


4. कभी भी प्राप्त हुए ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) को शेयर न करें. यह धोखेबाजों द्वारा आपके बैंक खाते, या आपके पास मौजूद अन्य व्यक्तिगत खातों तक पहुंचने का प्रयास हो सकता है. इनमें आपके आधार कार्ड से लेकर ई-कॉमर्स वेबसाइट तक कुछ भी शामिल हो सकता है.



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